फ़रवरी 2013 में लोकतंत्रशाला ने राजनैतिक जागरूकता और सामाजिक कार्य पर युवाओं के लिए एक प्रशिक्षण का आयोजन किया। परिसर के आस-पास के इलाक़ों से कई युवाओं ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया। इस प्रशिक्षण को इस तरह रचा गया था कि युवाओं से देश के वर्तमान राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य के बारे में उनकी सोच को समझा भी जाए और उन्हें जागरूक भी किया जाए। इस प्रशिक्षण में कई विषय शामिल थे, जैसे – एक संविधान की ज़रूरत को समझना, लोकतंत्र का मतलब, मूल अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी, नीति-निर्माण के लिए नीति-निर्देशक तत्व, भारतीय राजनीति के भौगोलिक-राजनैतिक आयाम, जाति की भूमिका का विश्लेषण, हमारे समाज और राजनीति में धर्म और वर्ग, नरेगा, सूचना का अधिकार और सुनवाई के अधिकार जैसे क़ानूनों को समझना आदि। सामाजिक आंदोलनों पर काफ़ी अहम चर्चाएँ भी हुईं और इनकी ज़रूरत और इनके अंदर की राजनीति पर भी। लिंग-आधारित हिंसा और दलित अत्याचार पर भी चर्चा हुई। साथ ही इस दौरान प्रतिभागियों को कठपुतली चलाना, गीत और नाटक का इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं, और अन्य सामाजिक-राजनैतिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का भी प्रशिक्षण दिया गया।